Course Type | Course Code | No. Of Credits |
---|---|---|
Discipline Core | NSOL1HN102 | 4 |
Course Coordinator and Team: SES Faculty
Email of course coordinator: pcbabed@aud.ac.in
Pre-requisites: No
- Course Description:
ITEP में हिंदी के इस प्रस्तावित पाठ्यक्रम में हिंदी की कथाओं को हिंदी साहित्य के इतिहास एवं विकास से जोड़कर पढ़ाया जाएगा। एक विशिष्ट विधा के रूप में कहानियां हिंदी के आधुनिक साहित्य में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती हैं तथा साहित्य के विद्यार्थियों के सामाजिक-सांस्कृतिक ज्ञान को समृद्ध करती है। कहानियों की इसी भूमिका से विद्यार्थियों को परिचित कराया जाएगा। यह पाठ्यक्रम अनिवार्य कोर्स के रूप में पढ़ाए जाने वाले हिंदी साहित्य के इतिहास से जुड़ा रहेगा और विद्यार्थियों को हिंदी साहित्य के समग्र ज्ञान की दिशा में ले जाने में सहायक होगा।
- Course Objectives:
हिंदी कहानी पाठ्यक्रम का उद्देश्य केवल भाषा सिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होता है। कहानियाँ भाषा कौशल को विकसित करने के साथ-साथ नैतिक मूल्यों, कल्पनाशक्ति और आलोचनात्मक सोच को भी प्रोत्साहित करती हैं। विद्यार्थियों को कहानियों के माध्यम से समाज, संस्कृति और मानवीय संवेदनाओं की गहरी समझ प्राप्त होती है।
इसके अलावा, कहानियाँ छात्रों की रुचि को जागृत कर साहित्य के प्रति प्रेम विकसित करती हैं। इससे उनकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है और वे जीवन की जटिल परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझने के योग्य बनते हैं। कहानी पाठ्यक्रम में शामिल विभिन्न रचनाएँ विद्यार्थियों को नई शब्दावली से परिचित कराती हैं और भाषा पर पकड़ मजबूत करने में सहायक होती हैं।
- Course Outcomes:
प्रस्तुत पाठ्यक्रम को पढ़ने के उपरांत विद्यार्थियों में :-
- हिंदी कहानियों के इतिहास से परिचय प्राप्त हो सकेगा जो उनकी साहित्यिक चेतना को विकसित करने में सहायक होगी।
- कहानियों के माध्यम से भारतीय समाज में आए परिवर्तनों का बोध विकसित हो सकेगा।
- समाज के उपेक्षित तथा हाशिये के वर्गों के प्रति नई संवेदनशीलता का विकास हो सकेगा।
- स्वातंत्र्योत्तर भारत में समाज द्वारा जिन चुनौतियों का सामना किया गया, उसका परिचय मिलेगा।
- साहित्य में जो नए आंदोलन व विचार-दृष्टियां जन्म ले रही थीं, कहानियों से माध्यम से उनकी समझ विकसित हो सकेगी।
- Brief description of the modules:
माड्यूल-1
हिंदी कहानी का इतिहास और विकास- इस माड्यूल में भारत में कथा लेखन की परंपरा और विकास तथा आधुनिक कहानी के संक्षिप्त इतिहास और विकास के विषय में अध्यापन किया जाएगा।
माड्यूल-2
प्रेम-रोमांस और यथार्थ- इस माड्यूल में कुछ हिंदी कहानियों को रखा गया है, खासकर स्वतंत्रता से पूर्व रचित कथाओं को। यह वह कालखंड है जब सामंती भावबोध व उससे जुड़े सामाजिक संबंध ढीले प़डे और पूंजीवादी चेतना का विकास आरंभ होने लगा। एक आदर्शवादी भावधारा भी इसी समय साहित्य में प्रवाहित हो रही थी और भाव व शिल्प की रूढ़ियां चटकने लगी थीं। इस युग की कहानियां प्रेमविषयक, गरीबी-अभाव विषयक तथा घरेलू समस्याओं पर आधारित हैं। कोर्स में सम्मिलित कहानियां हैं- उसने कहा था- चंद्रधर शर्मा गुलेरी, आकाशदीप- जयशंकर प्रसाद, पूस की रात- प्रेमचंद, पाजेब- जैनेंद्र कुमार
माड्यूल- 3
विभाजन और हाशिए का जीवन- इस माड्यूल में ऐसी कथाओं का पाठ आधारित अध्यापन होगा जिन्होंने आजादी के साथ जन्म लेने वाली सामाजिक-धार्मिक कटुताओं, मोहभंगों, मध्यवित्त वर्ग की तकलीफों और उम्मीदों का भावपूर्ण चित्रण सशक्त शिल्प के माध्यम से किया है। इसके अंतर्गत सम्मिलित कहानियां हैं-अमृतसर आ गया है- भीष्म साहनी, तीसरी कसम- फणीश्वरनाथ रेणु, दोपहर का भोजन- अमरकांत.पिता- ज्ञानरंजन।
माड्यूल- 4
स्त्री जीवन और आधुनिक भावबोध - इस माड्यूल में हिंदी की प्रमुख प्रतिनिधि कथाएं, जो स्वातंत्र्योत्तर भारत में लिखी गईं, उनका पाठ आधारित अध्यापन किया जाएगा। ये कथाएं रोमांटिक भावबोध, अकेलेपन, हताशा, जीवन में निरर्थकता, स्त्री की स्वाधीनता जैसे विविध विषयों पर केंद्रित रही हैं और इन्होंने मध्यवर्गीय परिवारों में आते परिवर्तनों को दर्ज किया है। इसमें शामिल कहानियां हैं- परिंदे- निर्मल वर्मा, मिस पाल- मोहन राकेश, बादलों के घेरे- कृष्णा सोबती, अकेली- मन्नू भंडारी
Assessment Plan
S.No |
Assessment |
Weightage |
1 |
Assignment |
20% |
2 |
Presentation |
30% |
3 |
Term-End |
50% |
Readings:
- कहानी, नई कहानी, नामवर सिंह, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 2004
- प्रेमचंद और उनका युग- रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, 2016
- एक दुनिया समानांतर- राजेंद्र यादव, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली, 2003
- हिंदी कहानी का विकासः मधुरेश, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली, 2003
- हिंदी कहानी का इतिहासः गोपाल राय, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 2008
- नई कहानी की भूमिकाः कमलेश्वर, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 2015